रायपुर-छत्तीसगढ़ आरक्षण मामले में बड़ी खबर सामने आई है. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आरक्षण मामले में राज्यपाल अनुसुईया उईके को नोटिस जारी किया है. 2 हफ्ते में हाईकोर्ट ने जवाब तलब किया है।

हाईकोर्ट में राज्य शासन की ओर से याचिका लगाई गई है. राज्य सरकार की ओर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने पैरवी की है. जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच ने नोटिस जारी किया है. याचिका में कहा – 76% आरक्षण बिल पास होने के बाद भी राज्यपाल हस्ताक्षर नही कर रही हैं। अब मामले में अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।

छत्तीसगढ़ में अब अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 13 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है. मुख्यमंत्री ने लोकसेवा आरक्षण और शैक्षणिक संस्था प्रवेश में आरक्षण विधेयक सदन में पेश किया. सदन में चर्चा के पश्चात सर्वसम्मति से विधेयक पारित हुआ.

रायपुर-छत्तीसगढ़ आरक्षण मामले में बड़ी खबर सामने आई है. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आरक्षण मामले में राज्यपाल अनुसुईया उईके को नोटिस जारी किया है. 2 हफ्ते में हाईकोर्ट ने जवाब तलब किया है।

हाईकोर्ट में राज्य शासन की ओर से याचिका लगाई गई है. राज्य सरकार की ओर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने पैरवी की है. जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच ने नोटिस जारी किया है. याचिका में कहा – 76% आरक्षण बिल पास होने के बाद भी राज्यपाल हस्ताक्षर नही कर रही हैं। अब मामले में अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।

छत्तीसगढ़ में अब अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 13 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है. मुख्यमंत्री ने लोकसेवा आरक्षण और शैक्षणिक संस्था प्रवेश में आरक्षण विधेयक सदन में पेश किया. सदन में चर्चा के पश्चात सर्वसम्मति से विधेयक पारित हुआ.