रायपुर-छत्तीसगढ़ का गृह विभाग ने कमाल ही कर दिया। बिना समन्वय में फाइल भेजे 35 डीएसपी के ट्रांसफर कर दिया। जबकि, कायदा यह है कि बिना समन्वय के अनुमोदन के एक बाबू का ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। भृत्य तक का ट्रांसफर समन्वय से होता है। जाहिर है, ट्रांसफर पर बैन लगा। समन्वय याने विभाग के सिकरेट्री, चीफ सिकरेट्री से होते हुए फाइल अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री तक जाती है। मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद ही ट्रांसफर हो सकता है।
गृह विभाग ने 18 जनवरी को 35 डीएसपी का ट्रांसफर आदेश निकाला। ये सभी डीएसपी रिलीव होकर जहां-जहां पोस्टिंग हुई थी, वहां ज्वाईन भी कर लिए। मगर अचानक 19 दिन बाद 8 फरवरी को इनमें से 13 डीएसपी का ट्रांसफर अन्यत्र कर दिया गया। तब पता चला कि गृह विभाग ने 18 जनवरी वाली लिस्ट का मुख्यमंत्री से अनुमोदन नहीं लिया था। चूक किस लेवल पर हुई, ये बताने कोई तैयार नहीं। मगर जिस दौरान 35 डीएसपी के तबादला आदेश निकाले गए, प्रमुख सचिव गृह मनोज पिंगुआ रायपुर से बाहर थे। उनके आद अरुण देव गौतम गृह विभाग संभालते हैं। उनको भी इस बात की जानकारी नहीं कि बिना समन्वय के अनुमोदन डीएसपी के ट्रांसफर हो गए। अंदेशा इस बात के हैं कि नीचे के अधिकारियों ने बिना नियम-कायदों का पालन किए डीएसपी के ट्रांसफर आदेश निकाल डाले।
8 फरवरी को एक दूसरा आदेश निकालते हुए इन 35 में से 13 डीएसपी का फिर से ट्रांसफर कर दिया गया। अब इन राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को 19 दिन में फिर से बोरिया-बिस्तर बांधना पड़ गया। बताते हैं, कुछ अधिकारियों ने हाई कोर्ट में 19 दिन के भीतर दोबारा ट्रांसफर हो जाने पर याचिका लगानी चाही। मगर पता चला है, वहां केवियेट दायर कर दिया गया है। याने बिना विभाग का पक्ष सुने हाई कोर्ट इस पर स्टे भी नहीं देगा। देखिए 8 फरवरी वाले डीएसपी ट्रांसफर के आदेश…
- IDBI Bank Bharti: आईडीबीआई बैंक ने 2100 पदों पर निकाली भर्ती, जल्द करें आवेदन
- SBI Clerk Bharti: एसबीआई क्लर्क के 8425 पदों पर निकली भर्ती, जल्द करें आवेदन
- CG Weather Alert: इन जिलों के लिए बारिश को लेकर अलर्ट जारी…
- ग्राम कोकड़ी मे आयोजित होगी अंतर्राज्यीय टेनिस बॉल क्रिकेट प्रतियोगिता….
- छत्तीसगढ़ी फिल्म में नजर आयेंगे खाद्य मंत्री अमरजीत भगत….