CG: छत्तीसगढ़ भाजपा में होगा बड़ा बदलाव, पद रहेगा आदिवासी नेता के हाथ

दिल्ली: बीते दिनों दिल्ली में चली भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में छत्तीसगढ़ को लेकर भी लंबी चर्चा की गई। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को प्रधानमंत्री ने लगभग दो वर्षों बाद समय भी दिया है।

राजनीतिक पंडित इसे दूसरे चश्मों से देख रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में आगामी दिनों में 5 बड़े बदलाव नजर आ सकते हैं। इन बदलावों में पार्टी संगठन और निर्वाचित प्रतिनिधियों की भूमिकाओं में तक बदलाव शामिल हैं।

बड़े पैमाने पर कटेंगे टिकट

इस बैठक में सारी बात साल 2023 के चुनाव और उसकी तैयारी पर की गई। बताया जाता है कि इसमें भाजपा छत्तीसगढ़ में 2018 में हारे अपने 75 विधानसभा उम्मीदवारों में से अधिकतर के टिकट काटने जा रही है। साल 2018 के चुनाव में भाजपा ने सिर्फ 15 सीटें जीती थी, जो अब 14 बची हैं। बीते वर्षों में हुए एक नक्सली हमले में भाजपा के विधायक मंडावी की मौत हो गई थी, जिस पर उपचुनाव में कांग्रेस ने बाजी मार ली। इतना ही नहीं भाजपा वर्तमान विधायकों में से भी आधे ही ऐसे हैं जिन्हें दोहाराय जा सकता है।

कोई नहीं होगा चेहरा, लड़ेंगे मोदी के दम पर

Draft ready for change in Chhattisgarh BJP: पार्टी की इस बैठक में बिना चेहरे के मैदान में उतरने पर भी विस्तार से चर्चा हुई है। पार्टी सूत्रों ने बताया इस बैठक में मोदी के चेहरे को आगे रखकर चुनाव में जाने पर बात की गई है।

संगठन में बदलाव पर हुई बात

इस बैठक में भाजपा के संगठन में बहुत सारे बदलावों को लेकर बात की गई है। इसमें सबसे अहम प्रदेश संगठन है। यह पद आदिवासी नेता के हाथ में ही रहेगा, लेकिन बदलाव के साथ। पार्टी के पास सीमित आदिवासी चेहरे होने के कारण इस पर फैसला अटका हुआ है।

सदन में प्रतिनिधित्व को भी टटोला गया

राजनीतिक सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक छत्तीसगढ़ की विधानसभा में भी पार्टी प्रतिनिधित्व बदल सकती है। पार्टी के पास फिलहाल 14 विधायक हैं। इनमें 2 एसटी, 2 एससी, 4 ओबीसी और बाकी 6 विधायक सामान्य वर्ग से हैं। इनमें भी 3 ठाकुर, 1 ब्राह्मण, 1 वैश्य और 1 भसीन हैं। पार्टी विधानसभा में ओबीसी को ही अपना नेता बनाए रखना चाहती हैं, जिसमें अभी धरमलाल कौशिक हैं। शेष 3 ओबीसी नेताओं में सबसे ऊपर नारायण चंदेल, अजय चंद्राकर और रंजना डिपेंद्र साहू हैं। रंजना साहू पहली बार निर्वाचित हैं। नारायण चंदेल और अजय चंद्राकर अनुभवी हैं। अजय चंद्राकर के पास संसदीय कार्य मंत्रालय रह चुका है।

चुनाव संचालन भी दे सकते हैं नए हाथों में

पार्टी की कोर ग्रुप की बैठक में छत्तीसगढ़ चुनाव संचालन समिति की जिम्मेदारी नए हाथों में देने पर भी चर्चा हुई है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक यह कमान रायपुर के एक विधायक को सौंपे जाने पर लंबी चर्चा हुई है। बताया जाता है कि इन्हीं के हाथ में सभी तरह के फैसले दिए जा सकते हैं। साथ संगठन महामंत्री, प्रभारी व अन्य लोगों की समन्वय समिति बनाई जा सकती है।

भाजपा के कुल विधायक व सीटें

जांजगीर-चांपा से नारायण चंदेल, मस्तूरी से कृष्ण मूर्ति बांधी, रामपुर से ननकी राम कंवर, भाटापारा से शिवरतन शर्मा, रायपुर दक्षिण से बृजमोहन अग्रवाल, धमतरी से रंजना डिपेंद्र साहू, कुरूद से अजय चंद्राकर, बिंद्रानवागढ़ से डमरुधर पुजारी, मुंगेली से पुन्नुलाल मोहले, बेलतरा से रजनेश सिंह, अकलतरा से सौरभ सिंह, बिल्हा से धरमलाल कौशिक, वैशाली नगर से विद्यारतन भसीन और राजनांदगांव से डॉ. रमन सिंह शामिल हैं।