वाहन चालको के लिए खुशखबरी, अब सिर्फ कमर्शियल वाहनों को ही देना पड़ेगा टोल टैक्स

शहर से गैरतगंज-बेगमगंज होकर राहतगढ़ सागर तक जाने वाले करीब 101 किमी लंबे मार्ग पर अब व्यावसायिक वाहनों से ही टोल वसूला जाएगा। एमपीआरडीसी ने इसकी तैयारियां कर ली और टेंडर जारी कर दिए हैं। एमपीआरडीसी के डीएम एमएच रिजवी ने बताया कि पहले सभी चार पहिया वाहनों से टोल वसूलने का निर्णय लिया गया था। लेकिन शासन के आदेश पर अब सिर्फ कामार्शियल वाहनों से ही टोल टैक्स वसूला जाएगा।

पिछले माह कैबिनेट बैठक में कार, जीप सहित निजी वाहन और यात्री बसों को इस मार्ग पर टोल टैक्स में राहत देने का फैसला हुआ था। जिसके बाद नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा रही है। बताया जा रहा है कि अगले माह तक टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद उक्त मार्ग पर स्थापित तीनों टोल नाके शुरु हो जाएंगे। गौरतलब हो कि एमपीआरडीसी ने उक्त मार्ग पर तीन माह पहले डामरीकरण करवाया है। इसकी राशि वसूलने के लिए टोल लगाने का निर्णय लिया गया है।

इनको नहीं देना पड़ता टोल टैक्स

वहीं जानकारी के लिए आपको बता दें कि सरकार के द्वारा कुछ कैटेगरी भी बनाई गई है। जिसमें शामिल लोगों को टोल टैक्स भरने की जरूरत नहीं है। इन कैटरगरी में पहले 9 लोगों को शामलि किया गया था, जबकि इसे बढ़ाकर अब 25 कर दिया गया है। इनमें सरकारी कर्मचारी से लेकर लाश ले जा रही गाड़ियां तक शामिल हैं, जिन्हें टोल टैक्स नहीं भरना पड़ता है।

प्रदेश के 17 मार्गों पर भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार के समस्त यान जो सरकारी ड्यूटी पर हों, संसद तथा विधानसभा के पूर्व और वर्तमान सदस्यों के गैर व्यवसायिक यान, ऐसे समस्त यान जो भारतीय सेना की ड्यूटी पर हों, एम्बुलेंस, फायर बिग्रेड, भारतीय डाक और तार विभाग के यान, कृषि प्रयोजन के लिए उपयोग की जाने वाली ट्रैक्टर ट्राली, ऑटो रिक्शा, दुपहिया वाहन, बैलगाड़ियां, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार और इसके अतिरिक्त यात्री वाहन जैसे बस, कार, जीप इत्यादि को टोल से छूट प्रदान की जायेगी।

इन 25 श्रेणियों से नहीं वसूला जाता टैक्स

राष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति
प्रधानमंत्री
मंत्रियों
सांसद मंत्री
जज-मजिस्ट्रेट
बड़े-बड़े अधिकारी
रक्षा पुलिस
फायर
फाइटिंग
एंबुलेंस
शव वाहन
मजिस्ट्रेट सचिव
विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारी
विभिन्न विभागों के सचिव
चुनिंदा राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारी
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी
इनके अलावा वो लोग भी शामिल हो सकते हैं जिन्हें राज्य सरकारों द्वारा छूट दी जाती है।