IAS SUCCESS STORY: स्कूल के दिनों मे ही सोच लिया था की बनना है आईएएस, 20 वी रैंक हासिल कर पुरा किया अपना मुकाम

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IAS Officer Arpit Chauhan Success Story: आज के समय में यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा को दुनिया की सबसे कठिन परीक्षा में से एक माना जाता है. इस परीक्षा को पास करने के लिए अभ्यर्थी भी जी जान से कोशिश करते हैं. हालांकि, बहुत कम अभ्यर्थी ही इस परीक्षा को पास कर ऑफिसर का पद हासिल कर पाते हैं. आज हम आपको ऐसे ही एक अभ्यर्थी के बारे में बताएंगे, जिन्होंने IAS ऑफिसर बनने का सपना अपने स्कूली जीवन में ही देख लिया था. दरअसल, हम बात कर रहे हैं, आईएएस ऑफिसर अर्पित चौहान (IAS Officer Arpit Chauhan) की, जिन्होंने यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में 20वीं रैंक हासिल कर अपने सपने को पूरा किया था.

शिक्षकों के बीच हुआ पालन-पोषण
बता दें कि अर्पित उत्तराखंड के उधमसिंह जिले के रहने वाले हैं. उनका पालन-पोषण शिक्षकों के परिवार में हुआ है. क्योंकि, उनके पिता बलकरण सिंह राजकीय प्राथमिक विद्यालय में हेडमास्टर हैं, तो उनकी माता अनीता चौहान जीजीआईसी जसपुर में इंग्लिश की टीचर हैं.

शिक्षकों के बीच हुआ पालन-पोषण
बता दें कि अर्पित उत्तराखंड के उधमसिंह जिले के रहने वाले हैं. उनका पालन-पोषण शिक्षकों के परिवार में हुआ है. क्योंकि, उनके पिता बलकरण सिंह राजकीय प्राथमिक विद्यालय में हेडमास्टर हैं, तो उनकी माता अनीता चौहान जीजीआईसी जसपुर में इंग्लिश की टीचर हैं.

स्कूल में ही देखा IAS बनने का सपना
अर्पित ने मारिया स्कूल काशीपुर से इंटर तक की पढ़ाई की, जिसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग में एडमिशन ले लिया. बता दें कि अर्पित ने अपने स्कूली दिनों में ही यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में बैठने का मन बना लिया था. इसलिए उन्होंने इंजीनियरिंग खत्म करते ही साल 2019 में अपना पहला अटेंप्ट दे दिया. हालांकि, वे इस बार परीक्षा पास नहीं कर पाए थे. 

तीसरे अटेंप्ट में मिली सफलता
इसके बाद उन्होंने अगले साल दोबारा परीक्षा दी और इस बार उन्होंने परीक्षा में 297 रैंक हालिस की, जिसके बाद उन्हें इंडियन डिफेंस सर्विस मिल गई. लेकिन उनका सपना तो आईएएस बनने का था, इसलिए उन्होंने एक बार फिर परीक्षा में बैठने का फैसला किया. साल 2021 में उन्होंने तीसरी बार यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दी और इस बार उन्होंने ऑल इंडिया में 20वीं रैंक हालिस कर अपना IAS ऑफिसर बनने का सपना पूरा किया.


बता दें कि अर्पित उत्तराखंड के उधमसिंह जिले के रहने वाले हैं. उनका पालन-पोषण शिक्षकों के परिवार में हुआ है. क्योंकि, उनके पिता बलकरण सिंह राजकीय प्राथमिक विद्यालय में हेडमास्टर हैं, तो उनकी माता अनीता चौहान जीजीआईसी जसपुर में इंग्लिश की टीचर हैं.

स्कूल में ही देखा IAS बनने का सपना
अर्पित ने मारिया स्कूल काशीपुर से इंटर तक की पढ़ाई की, जिसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग में एडमिशन ले लिया. बता दें कि अर्पित ने अपने स्कूली दिनों में ही यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में बैठने का मन बना लिया था. इसलिए उन्होंने इंजीनियरिंग खत्म करते ही साल 2019 में अपना पहला अटेंप्ट दे दिया. हालांकि, वे इस बार परीक्षा पास नहीं कर पाए थे.

तीसरे अटेंप्ट में मिली सफलता
इसके बाद उन्होंने अगले साल दोबारा परीक्षा दी और इस बार उन्होंने परीक्षा में 297 रैंक हालिस की, जिसके बाद उन्हें इंडियन डिफेंस सर्विस मिल गई. लेकिन उनका सपना तो आईएएस बनने का था, इसलिए उन्होंने एक बार फिर परीक्षा में बैठने का फैसला किया. साल 2021 में उन्होंने तीसरी बार यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दी और इस बार उन्होंने ऑल इंडिया में 20वीं रैंक हालिस कर अपना IAS ऑफिसर बनने का सपना पूरा किया.