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June 1, 2023, 3:06 pm
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22 साल पहले लिम्का की बोतल पर लगा था इनाम, शख्स को अब जाकर मिला 50 ग्राम सोना, जानिए पुरा मामला

कुछ वर्ष पूर्व गर्मियों के दिनों में लोगों के बीच सबसे लोकप्रिय चीज अगर कोई हुआ करती थी तो वो थी सॉफ्टड्रिंक या कोल्ड्रिंक। घर में मेहमान आए हों या शादी पार्टी हो, कोल्ड्रिंक के बिना हर आयोजन लगभग अधूरा माना जाता था।

उन दिनों कोल्ड्रिंक्स की बिक्री भी आसमां छूती थी। जिसके चलते कोल्ड्रिंक बनाने वाली कंपनियों में ख़ासा कम्पटीशन हुआ करता था। तभी अलग-अलग कंपनियां लाती थीं नए नए ऑफर।

ये सब हम आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि ऐसा ही एक ऑफर आया था सन 2001 में, जिसमे लिम्का की बोतल में इनाम निकला करता था। बोतल के ढक्कन में जो कुछ लिखा होता था, वो आपको इनाम के तौर पर कंपनी देती थी। इसी दौरान यूपी के जनपद मथुरा के एक व्यक्ति की किस्मत तब चमकी जब उसकी लिम्का में 50 ग्राम सोना निकला। लेकिन विक्रेता से लेकर आपूर्ति करने वाली कंपनी ने इनाम देने से इन्कार कर दिया। वहीं आज यानी 22 साल बाद उपभोक्ता फोरम ने उस ग्राहक के पक्ष में निर्णय सुनाया है।

एक बोतल के ढक्कन में 50 ग्राम सोना

दरअसल, मथुरा के जतीपुरा गांव के श्याम लवानिया के घर 28 अप्रैल 2001 को आयोजन था। श्याम ने मेसर्स श्रीजी ट्रेडर्स गोवर्धन से 1980 रुपये में साफ्टड्रिंक लिम्का की बोतलें खरीदीं। उसी में से एक बोतल के ढक्कन में 50 ग्राम सोना 22 कैरेट का इनाम निकला। श्याम ने 29 अप्रैल को ढक्कन व बोतल लेकर विक्रेता से सोना मांगा तो उसने देने से इन्कार कर दिया। जिसके बाद 30 अप्रैल को वह साफ्टड्रिंक आपूर्ति करने वाली कंपनी मेसर्स आगरा सेल्स एंड मार्केटिंग के यहां पहुंचा तो कंपनी ने एक सप्ताह बाद आने को कहा।

30 दिन में 22 कैरेट वाला 50 ग्राम सोना

श्याम का कहना है कि वह बोतल का ढक्कन कंपनी में जमा करना चाहता था, लेकिन कंपनी ने रसीद देने से मना कर दिया था। इसके बाद वह 8, 9 व 11 मई 2001 को भी कंपनी गया, लेकिन उसे 50 ग्राम सोना देने से इन्कार कर दिया गया। फिर श्याम लवानिया ने जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दाखिल किया।

20 साल मुकदमा चलने के बाद फोरम ने 3 नवंबर 2021 को आदेश दिया कि वादी को 30 दिन में 22 कैरेट वाला 50 ग्राम सोना दिया जाए। साथ ही वादी की आर्थिक व मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 5000 रुपया भी देना होगा। लेकिन आपूर्ति कंपनी ने आदेश के विरुद्ध राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की। लेकिन अब राज्य उपभोक्ता आयोग में भी अपील निरस्त हो गई है यानी इनाम पाने का रास्ता साफ हो गया है।

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