भूपेश मांझी/रायपुर-बता दें कि वर्तमान में नई पेंशन योजना के तहत किसी व्यक्ति के कार्य अवधि के दौरान जमा राशि का 60 फीसदी रिटायरमेंट के समय वापस लेने की अनुमति है, जो पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है। शेष 40 फीसदी को एन्युटी (annuity) में निवेश किया जाता है।
देशभर में पुरानी पेंशन की बढ़ती हुई मांग के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है। नए पेंशन सिस्टम (New Pension Scheme) की तुलना में ओल्ड पेंशन की मांग कई राज्यों में जोर पकड़ चुकी है। वहीं, कई राज्यों ने नई पेंशन स्कीम को रद्द करके पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लागू भी कर दिया है। इस बीच खबर है कि केंद्र सरकार OPS को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है। मिली जानकारी के अनुसार मोदी सरकार देश भर की मांगों को देखते हुए न्यू पेंशन सिस्टम में कई रियायतें देने पर विचार कर सकती है। केंद्र सरकार पेंशन सिस्टम में रिफार्म करने पर विचार कर रही हैं।
इन राज्यों में लागू हुई OPS
आपको बता दें राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश समेत कई राज्यों में पहले ही नई पेंशन को बंद करके पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई है। सरकारी कर्मचारियों का मानना है कि सरकारी खजाने पर बिना बोझ डाले सरकार मौजूदा पेंशन सिस्टम में बदलाव कर दे, जिससे कर्मचारियों को किसी भी तरह के नुकसान का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही उनको पेंशन का भी नुकसान न हो।
बता दें कि वर्तमान में नई पेंशन योजना के तहत किसी व्यक्ति के कार्य अवधि के दौरान जमा राशि का 60 फीसदी रिटायरमेंट के समय वापस लेने की अनुमति है, जो पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है। शेष 40 फीसदी को एन्युटी (annuity) में निवेश किया जाता है।
नई पेंशन योजना की समस्या क्या?
अधिकारियों का मानना है कि सरकार एनपीएस में इस तरह से बदलाव करे, जिससे रिटायरमेंट के समय में कर्मचारियों को एकमुश्त राशि के रूप में मोटा पैसा यानी करीब 41.7 फीसदी का योगदान वापस मिल जाएगा। अधिकारी ने कहा कि यह मॉडल ओपीएस के ठीक उल्टा है और यही इसकी एकमात्र समस्या है।
OPS में मिलती है ज्यादा पेंशन
आपको बता दें नई और पुरानी पेंशन योजना में बहुत ही ज्यादा अंतर है, जिसकी वजह से कर्मचारी और पेंशनर्स ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। OPS में रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को सैलरी की आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती है। वहीं, नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी की बेसिक सैलरी+डीए का 10 फीसदी हिस्सा कटता है।
पुरानी पेंशन स्कीम की खास बात यह कै इसमें कर्मचारियों की सैलरी से कोई भी पैसा नहीं कटता है। इसके अलावा नई पेंशन में 6 महीने बाद मिलने वाले डीए का भी प्रावधान नहीं है। इसके अलावा ओल्ड पेंशन में पेमेंट सरकार की ट्रेजरी के जरिए किया जाता है। वहीं, नई पेंशन में निश्चित पेंशन की कोई भी गारंटी नहीं होती है। पुरानी पेंशन योजना की बात करें तो इसमें रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु हो जाने के बाद भी उनके परिजनों को पेंशन मिलती है।
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