सरकारी दफ्तरों में अब लगेंगे प्री-पेड मीटर, 600 करोड़ के व्यय के साथ लगेंगे मीटर

बिजली बिल की वसूली को लेकर बिजली कंपनियों को निजी से ज्यादा सरकारी महकमे से जूझना पड़ता है। सख्ती करने पर विवाद खड़ा होता है इस वजह से हर माह करीब 250 करोड़ रुपये की लेनदारी खड़ी हो जाती है।ऐसी समस्या से निपटने के लिए बिजली कंपनी सरकारी विभागों में प्री-पेड मीटर लगाने की तैयारी कर रही है।

तरंग प्रेक्षागृह में मंथन 2022 में चर्चा के दौरान बिजली कंपनी के प्रमुखों ने यह तय किया है। इस संबंध में ऊर्जा सचिव संजय दुबे ने जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में करीब आठ हजार सरकारी विभाग है जहां हर माह औसत 250 करोड़ रुपये का बिजली बिल कंपनी को वसूलना होता है। विभागों बिल भुगतान को लेकर बेवजह बिलंब किया जाता है जिसका खामियाजा वितरण कंपनी को उठाना पड़ता है। इधर बिजली के लिए राजस्व संग्रह जरूरी है। ऐसे में विभागों को प्री-पेड लगाया जाता है जिसमें अग्रिम विभागों को बिजली का बिल भरना होगा। इस योजना में करीब 600 करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित किया गया है।

कैसा होगा प्री-पेड मीटर

सामान्य मीटर से अलग ये स्मार्ट मीटर प्री-पेड मीटर होगा। जिसमें मोबाइल की तरह बिजली का रिचार्ज होगा। उपभोक्ता उपयोग के अनुसार बिजली का रिजार्च करवा सकता है। मीटर में हर वक्त बिल की खपत के साथ बकाया यूनिट संबंधी जानकारी प्रर्दर्शित होगी। इसके अलावा उपभोक्ता के मोबाइल पर भी इस संबंध में समय से पूर्व संदेश दिया जाएगा ताकि पहले से रिचार्ज करवाया जा सके।

रिचार्ज खत्म होने पर न काटे बिजली

इस संबंध में मंथन के दौरान प्रमुख सचिव ऊर्जा ने सुझाव दिया कि वितरण कंपनी मप्र विद्युत नियामक आयोग में याचिका दाखिल कर यह सुनिश्चित करे कि रात के वक्त प्री-पेड मीटर के कनेक्शन न बंद हो। भले ही उपभोक्ता का रिचार्ज खत्म हो गया हो उसकी बिजली रात में न बंद की जाए । दोबार रिचार्ज के लिए समय खत्म होने के बाद भी कुछ दिन का समय अतिरिक्त दिया जाए ताकि वह किसी वजह से प्री-पेड मीटर को रिचार्ज नहीं करवा पाया तो उसे दोबारा रिचार्ज करवा सके।

100 करोड़ बड़े शहरों में बिल

संजय दुबे ने कहा कि इंदौर, जबलपुर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में ही अकेले सरकारी विभागों से 100 करोड़ रुपये के आसपास बिजली का बिल हर माह जारी होता है। साल के अंत तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की योजना वितरण कंपनियों ने बनाई हुई है।