Raipur: राज्य महिला आयोग ने एक पांच साल की बच्ची का डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया है, ताकि उसे उसका अधिकार मिल सके। दरअसल, बच्ची के पिता की मृत्यु होने के बाद मां ने दूसरी शादी कर ली।
संपत्ति विवाद के मामले में बच्ची की बुआ यानी मृतक की बहन ने दावा किया कि बच्ची मेरे भाई की नहीं है, क्योंकि भाई बच्चा पैदा करने में सक्षम नहीं था। इस गंभीर आरोप के बाद आयोग ने बच्ची का डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया।
मामले के अनुसार महिला आयोग में आवेदिका नानी अपनी पांच वर्षीय नातिन को लेकर उपस्थित हुई। नानी ने आयोग के समक्ष बताया कि उसकी बेटी ने लव मैरिज की थी। 2017 में उसकी बेटी की एक पुत्री पैदा हुई। इसके पश्चात बेटी-दामाद का तलाक हो गया। 2022 में दामाद की मृत्यु हो गई और बेटी ने भी दूसरी शादी कर ली। नानी ने नातिन को अपने साथ रखा। दामाद की मृत्यु के पश्चात दामाद की बहन ने फर्जी वसीयतनामा से अपने भाई की संपत्ति को अपने नाम कराकर बेच दिया।
नानी ने अपनी नातिन के भविष्य को देखते हुए महिला आयोग में न्याय दिलाने के लिए आवेदन लगाया। स्व. दामाद की बहन ने महिला आयोग के समक्ष कहा कि उसका भाई बच्चा पैदा करने योग्य नहीं था। वह बच्ची मेरे भाई की नहीं है।
आयोग अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक ने सुनवाई करते हुए कहा कि जब नानी के दामाद की बहन ने इस बात की चुनौती दी है कि यह बच्ची उसके भाई की बेटी नहीं है। ऐसी स्थिति में दामाद की बहन, नातिन का डीएनए टेस्ट किया जाए। बच्ची की मां ने अन्यत्र विवाह कर लिया है। उससे संपर्क कर आयोग को सूचित किया जाए। यदि बच्ची की मां से संपर्क नहीं होता है तो बच्ची की नानी का डीएनए टेस्ट किया जाए। सुनवाई में सदस्य डा. अनिता रावटे एवं अर्चना उपाध्याय उपस्थित रहीं और 33 प्रकरणों की सुनवाई की।
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