RAIPUR: पत्रकारिता विश्वविद्यालय में हुआ ‘मीडिया एवं रोजगार’ विषय पर संगोष्ठी एवं कैंपस प्लेसमेंट

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अपने कौशल को निखारें, रोजगार के अवसर को पहचानेः अभय किशोर

“टेलीविजन मीडिया 30 सेकंड का माध्यम है”

रायपुर-कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा ‘मीडिया एवं रोजगार’ विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इसके उपरांत एशिनय न्यूज के द्वारा कैंपस प्लेसमेंट किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अभय किशोर ने विद्यार्थियों को मीडिया की कार्य प्रणाली व प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि मीडिया हमेशा से चुनौतियों के दौर से गुजरा है, लेकिन युवाओं का रूझान जरा भी कम नहीं हुआ। टेलीविजन मीडिया 30 सेकंड का माध्यम है। मीडिया में अपनी बात को कहने की अभिव्यकि तो होती है लेकिन कई दफा अहंकार भी आ जाता है। इससे बचने के लिए आत्म संयम, आत्मानुशासन बेहद जरूरी है। इसके अलावा प्रभावशाली पत्रकार बनने के लिए खूब पढ़िए और विषयों को जानिए।

उन्होंने बताया कि मीडिया में रोजगार की अपार संभावनाएं है लेकिन शुरूआत में सभी लोग रिपोर्टर या सिर्फ एंकर बनना चाहते हैं जबकि और भी अनेक पद होते हैं जैसे- संवाददाता, स्ट्रिंगर, असाइंमेंट डेस्क, इनपुट-आउटपुट डेस्क, एक्जक्यूटिव प्रोड्यूसर, वॉइस ओवर आर्टिस्ट, स्क्रिप्ट राइटर, रन डाउन प्रोड्यूसर, प्रोग्राम डेस्क, टेक्निकल टीम- वीडियो एडिटर, प्रोग्राम एडिटर, प्रोमो एडिटर, ग्राफिक्स डिजाइनर, एनिमेशन एडिटर, पीसीआर में पैनल प्रोड्यूसर, विजन मिक्सिंग, ऑडियो कंसोल, साउंड इंजीनियर, एमसीआर में ट्रांसमिशन रीडर, अर्थ स्टेशन एक्जक्यूटिव, कैमरा वर्क में इएनजी- इलेक्ट्रॉनिक न्यूज गैदरिंग, स्टूडियो कैमरामैन, कंप्यूटर नेटवर्किंग, ब्रॉडकास्ट इंजीनियर, ब्रांड प्रमोशन में सेल्स विभाग, एचआर, डाटा ऐनालिसिस, इवेंट मैनेजमेंट।

रोजगार के अच्छे अवसर के लिए किस तरह के गुण होने चाहिए-

टेक्निकल स्किल्स, टेक्नो जर्नलिस्ट, वेल ग्रूम्ड, बाउंड्रीलेस स्किल्स, इनोवेटिव, क्रिएटिव, ऑडियोलोजिकली विजनरी।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि संजीव शुक्ल ने कहा कि सबसे पहले एक शुरूआत बहुत जरुरी है। एक सफल मीडियाकर्मी के भीतर उसकी अपनी यूसपी की पहचान जरूरी है। अपने भीतर के यूनिक पाइंट को पहचानते हुए उसे विकसित कर अच्छे अवसर को पाया जा सकता है। साथ ही किसी भी एक भाषा में सुदृढ़ता एवं शुद्धता अति आवश्यक है। भाषा व विषय में अच्छी पकड़ के साथ किसी भी चुनौती के लिए तैयार रहें, अवसर आपका स्वागत करेंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. चंद्रशेखर ओझा न कहा कि मीडिया में आज दुविधा का दौर है। न्यूज की जगह व्यूज की लड़ाई है। खबरों में न्यूज कम और व्यूज ज्यादा दिखाई दे रहा है। एक पत्रकार के रूप में वस्तुनिष्ठ होना होगा। वस्तुनिष्ठता की कमी की वजह से मीडिया भी अफवाहों का कारण बन रहा है। मीडिया में पारदर्शिता, निष्क्षता, मूल्यांकन हो रहा है या नहीं ये प्रश्न का विषय है। सक्षम विद्यार्थी इस क्षेत्र में बेहतर कर सकते हैं।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ. नरेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि मीडिया में अपार संभावनाएं हैं। पहले अवसर के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने होते थे लेकिन आज विभिन्न मीडिया संस्थान खुद विद्यार्थियों के पास आ रहे हैं और उन्हें अवसर प्रदान कर रहे हैं। अपनी कुशलता को बेहतर करके मीडिया में किसी भी स्थान को हासिल किया जा सकता है।

कार्यक्रम का संचालन वर्षा सांखला ने किया। इस कार्यक्रम में एसो. प्रो. शैलेंद्र खंडेलवाल, शेखर शिवहरे, अतिथि शिक्षक काजल मिश्रा, अमित चौहान, सुप्रिया कुमारी सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल हुए।