सक्ती: माना जाता है की पूरे क्षेत्र में बुधवारी बाजार की एक अलग पहचान रही है। पुराने जमाने में यहां दूर-दूर से लोग व्यापार करने आते थे, जहां प्रत्येक बुधवार को बाजार और गुरुवार को मवेशियों का बड़ा बाजार लगता था जो कि धीरे धीरे कम होता गया और आज बुधवारी बाजार इतिहास के पन्नो पर कही दफ़न हो जाएगा ।
मन में सवाल बहुत है ,जो शुरू हुआ सक्ती जिला बनने के सपने से । सक्ती जिला बना भी जिससे क्षेत्र वासियों में हर्ष का महौल था लेकिन नजारे कुछ और है । कहानी शुरू हुई सक्ती जिला के अस्तित्व में आने के बाद, जिससे कई सवाल पूछे गए ,कई बाते कहीं गई, जिला मुख्यालय के लिए मौन आंदोलन से पूरा सक्ती बंद हुआ, काले झंडे भी लगाए गए, लेकिन हुआ वही जो शासन ने चाहा। गौरतलब है कि आम जनता की हर आवाज खाली गई चाहे वो ज़िला मुख्यालय के लिए हो या वर्षों से चली आ रही परंपरा 26 जनवरी गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के लिए, हर बार शासन अपने मंसूबे पर कामयाब रही, और हर चीज को जिला बनने की उपलब्धि बताती रही ।
आज एक बार फिर जिले के बुधवारी बाजार सक्ती जिले पूरे क्षेत्र में एक अलग पहचान है, उस जगह से अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान प्रारंभ किया जा चुका है । जिस जगह अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही होने वाली है वहां कई दशकों से छोटे व्यापारी अपना व्यवसाय कर रहे है। अब कुछ ही दिनों मे वह मैदान मे तब्दील हो जाएगा। वही नगर पालिका प्रशासन की इस कार्यवाही से व्यापारियों मे अच्छा खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार सक्ती के बुधवारी बाजार मे अतिक्रमण हटाने की पूरी प्लानिंग की जा चुकी है। इसके लिए बुधवारी बाजार स्थित पुलिस लाइन ग्राउंड मे तीन जेसीबी मंगवा लिया गया है। इस कार्यवाही से मिलाकर कुल 167 दुकान व मकान प्रभावित होंगे। माना जा रहा है की कलेक्टर नुपुर राशि पन्ना के नेतृत्व मे नगर पालिका के द्वारा आज किसी भी समय अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शुरू की जा सकती है।
दरअसल, नगर पालिका ने तीन दिन पहले बुधवारी बाजार मे बेजा कब्जा करने वालों को नोटिस देकर तीन दिन के अंदर अपनी दुकान खाली करने के लिए समय दिया था। नोटिस मे लिखा था की बेजा कब्जा धारी तीन दिन मे अपना दुकान और मकान स्वयं खाली कर दे। ऐसा नहीं करने पर प्रशासन द्वारा उनको बलपूर्वक हटाया जाएगा और तोड़फोड़ का व्यय भी दुकानदारों से ही वसूल किया जाएगा।
दुकान व मकान खाली करना हुआ प्रारंभ :नगर पालिका द्वारा 167 लोगों को नोटिस दिए गए, नोटिस के बाद भी कार्यवाही को लेकर कुछ लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। बुधवारी बाजार मुख्य मार्ग की कई दुकानदारों को उम्मीद थी उनकी दुकान बच सकती है। लेकिन प्रशासन ने तीन बुल्डोजर मंगाकर अपना इरादा स्पष्ट कर दिया है। जिसके बाद से अधिकतर लोगों ने अपनी दुकानें खाली करना प्रारंभ कर दिया है।
दुकानदारों ने कहा – व्यवस्थापन नही होने से सैकड़ों लोग हो जाएंगे बेघर एवं बेरोजगार ।
प्रशासन की कार्यवाही से वहां के रहवासी एवम दुकानदार नाराज है,ऐसा इसलिए क्योंकि अतिक्रमण हटाने के बाद नगर का साप्ताहिक बाजार कहा लगेगा यह अभी तक तय नहीं किया जाना लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है, दुकानदार एवम रहवासियों मे चर्चा है कि शासन प्रशासन को अतिक्रमण हटाने से पहले विस्थापन की व्यवस्था करनी चाहिए थी जो नही की गई है। विस्थापन की व्यवस्था नहीं होने से अतिक्रमण हटने के बाद सैकड़ों लोग बेघर एवं बेरोजगार हो जाएंगे।
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