कोरोना के बढ़ते मामलों ने WHO की भी बढाई चिंता, इधर बूस्टर डोज पर जोर
दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं का बुरा हाल है, तो वहीं दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी चीन संकट में दिखाई दे रही है। एक बार फिर कोरोना इसकी बड़ी वजह बनकर सामने आई है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन के वित्तीय बाजार इकोनॉमी में सुस्ती के संकेत दे रहे हैं।
कोरोना के बढ़ते मामले देश की अर्थव्यवस्था के लिए संकट बन रहे हैं।
वही इसमें कयास लगाए जा रहे है कि यदि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप पर लगाम लगाने के लिए लॉकडाउन का सहारा लिया जाता है, तो यह इकोनॉमी के लिए दिक्कत खड़ी कर देगा। गौरतलब है कि चीनी शेयर बाजार पिछले 15 दिनों में बुरी तरह टूटा है। चीन का Hang Seng China Enterprise Index 28 जून के पश्चात् से अब तक करीब 9 प्रतिशत तक फिसल चुका है। ऐसे में निवेशकों के सामने फिर से चिंता खड़ी हो गई है कि यदि कोरोना के मामले बढ़ते हैं, तो फिर से आर्थिक गतिविधियां ठप हो जाएंगी। कोरोना के खौफ का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि संक्रमण का सिर्फ एक मामला सामने आने पर ही चीन के स्टील हब माने जाने वाले एक शहर को 3 दिनों के लिए बंद कर दिया गया।
वही रिपोर्ट में संभावना व्यक्त की गई है कि चीन में कोरोना का प्रकोप बढ़ने पर फिर लॉकडाउन की घोषणा हो सकती है। इससे फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप होने का डर है। वहीं कंस्ट्रक्शन गतिविधियों पर भी इसका प्रभाव होगा। जबकि, कर्ज का मार झेल रहीं चीन की कंस्ट्रक्शन कंपनियां पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रही हैं। इनमें Evergrande Group लोन पर डिफॉल्ट कर सकती है, तो वहीं Iron ore के शेयरों की कीमतें 7 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है।
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