यमराज से जुड़ा है यह रहस्यमयी कुआं, परछाई नही दिखने पर 6 महीने के भीतर हो जाती है मौत

इस दुनिया में तमाम ऐसी रहस्यमई चीजें हैं जो विज्ञान के नियमों को पीछे छोड़ देती हैं। कई ऐसी मान्यताएं हैं, जिन पर साइंस सटीक नहीं बैठती, लेकिन फिर भी लोगों को इन आस्थाओं में पूरा विश्वास है।

यूपी के बनारस में भी मणिकर्णिका घाट और काशी विश्वनाथ बाबा के मंदिर के अलावा हिंदू धर्म के कई रहस्य छिपे हैं। इसी शहर में धर्मराज यमराज से जुड़ी जानकारियां और निशानियां मिलती हैं। यहां पर एक मंदिर है, जिसमें एक रहस्मय कुआं है। यह कुंआ भक्तों को उनकी मौत के बारे में संकेत देता है।

यमराज ने बनवाया था!
यह मंदिर मीरघाट के ऊपर बना है। इस मंदिर का नाम धर्मेश्वर महादेव मंदिर है और यहां एक धर्मकूप भी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, मंदिर के पुजारी का कहना है कि इस कूप का इतिहास गंगा के धरती पर आने से पहले का है। इसे सूर्यपुत्र यम ने बनवाया था। साथ ही ऐसी मान्यता है कि गंगा अवतरण के पूर्व यहां धर्मराज यम ने तपस्या की थी।

परछाई नहीं दिखी तो हो जाती है मौत!
इस रहस्मय कुएं को लेकर मान्यता है कि यह कुआं मौत का संकेत देता है। कहा जाता है कि अगर इस कुएं में व्यक्ति की परछाई नहीं दिखाई देती तो अगले 6 महीने में उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। साथ ही इस प्राचीन मंदिर को लेकर मान्यताएं हैं कि यहां पर भगवान शिव व यमराज देव एक साथ विराजते हैं। यहां के लोगों में मान्यता है कि धर्मेश्वर महादेव प्राचीन मंदिर में बने धर्म कुएं का निर्माण स्वयं यमराज द्वारा किया गया था। ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों की परछाई कुएं में दिखाई नहीं देती है, अगले 6 महीने में उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। हालांकि, इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं लेकिन आसपास के लोगों की ऐसी मान्यता है।

यमराज ने यहीं पर किया था भगवान शिव को प्रसन्न
ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव पृथ्वी पर मृत्यु को प्राप्त होने वाले व्यक्तियों को स्वर्ग या नरक में ले जाने को लेकर व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे थे। इसी दौरान भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यमराज तपस्या कर रहे थे, परंतु यमराज को भगवान शिव को प्रसन्न करने में कामयाबी नहीं मिल रही थी। इस पर भगवान विष्णु ने यमराज को कुंड बनाने व उसमें स्नान करने के बाद भगवान की तपस्या करने की सलाह दी। इसके बाद यमराज ने ऐसा ही किया और भगवान शिव, यमराज से प्रसन्न हुए, जिसके बाद भगवान ने यमराज को स्वर्ग और नर्क जाने वाले लोगों की जिम्मेदारी सौंपी। साथ ही कहा जाता है कि भगवान शिव ने यमराज का नामकरण भी किया था, तभी से यह प्रथा चली आ रही है कि कुएं में परछाई न देखने पर व्यक्ति की 6 महीने के अंदर मृत्यु हो जाती है।