अम्बिकापुर: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में आज प्रशासनिक अधिकारियों ने नकली घी बनाने के ठिकाने पर दबिश देकर करीब 4 हजार किलो से ज्यादा का नकली घी जप्त किया है। अफसरों को आशंका है कि ये घी खाने और मंदिरो में दीप जलाने के लिए सप्लाई किया जाना था। इस गोरख धंधे के खुलासे के बाद जहां हड़कम्प मच गया है तो वहीं आश्चर्य इस बात की…नकली घी बनाने के गोरखधंधे में लिप्त युवक बेबाकी से स्वीकार भी लिया कि वह नकली घी बनाता है।
छत्तीसगढ़ में नकली घी बनाने का हुआ भंडाफोड़
दरअसल प्रशासन को शिकायत प्राप्त हुई कि बाबूपारा इलाके में एक किराए के मकान में नकली घी बनाने का गोरखधंधा चलाया जा रहा है। जब प्रशासन के अधिकारी खाद्य व औषधि प्रशासन की टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो वो भी हैरान रह गए। क्योंकि यहां खुलेआम वनस्पति और रिफाइंड आइल को मिलाकर नकली घी बनाया जा रहा था। वनस्पति को गर्म करके इसमे रिफाइंड आइल मिलाया जाता था। इससे नकली घी तैयार कर कंटेनर में भरा जा रहा था। इस कारोबार को अंजाम देने वाले युवक से मीडियाकर्मियों ने पूछा तो महाराष्ट्र के रहने वाले युवक न सिर्फ इस कारोबार की सच्चाई का खुलासा किया बल्कि ये भी कहा कि बहुत से लोग अवैध काम करते है तो वो भी कर रहा है। युवक ने बताया कि घी नवरात्र के समय मंदिरो में सप्लाई करने के लिए तैयार किया जा रहा था,,,।
नकली घी बनाने के ठिकाने पर जब प्रशासन व खाद्य व औषधि विभाग की टीम मौके पर पहुची तो यहां मिलावट का काम जारी था। यहां न तो कोई लाइसेंस मिला और न ही गुणवत्ता का ध्यान रखा गया था। सबसे बड़ी बात ये की यहां बनाये गए नकली घी के टीन में ये मार्क भी नही किया गया था कि ये खाने योग्य नही ैहै। ऐसे में आशंका है कि नकली घी को खाने के लिए भी सप्लाई किया जाता होगा। प्रशासन व खाद्य औषधि विभाग की टीम ने नकली घी को जब्त करने की बात स्वीकार किया।