प्रेमिका के शादी के बाद प्रेमी एग्रीमेंट लेकर पहुचा हाई कोर्ट, बोला- पति से छुड़ाकार ‘मेरी प्रेमिका मुझे सौपिएं’

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एक प्रेमी हाईकोर्ट तक पहुंच गया. उसने हाईकोर्ट से कहा- ‘मेरी प्रेमिका मुझे सौंपी जाए जिसकी शादी किसी और से हो चुकी है.’

ये प्रेमी कम तैयारी से नहीं पहुंचा था, एक एग्रीमेंट लेकर कोर्ट गया था. वो एग्रीमेंट जो उसके और उसकी प्रेमिका के बीच लिव-इन में रहने को लेकर हुआ था. हाईकोर्ट ने प्रेमी की पूरी बात सुनी, और उसपर 5000 रुपए का जुर्माना लगा दिया. कोर्ट ने क्या कहा? और ये जुर्माना क्यों लगाया? सब बताते हैं, लेकिन पहले शुरू से इस मामले के बारे में जान लेते हैं.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक ये मामला गुजरात के बनासकांठा जिले का है. मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के जस्टिस वीएम पंचोली और जस्टिस एचएम पृच्छक की डबल बेंच ने की. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा कि उसकी गर्लफ्रेंड की शादी उसकी मर्जी के खिलाफ किसी और व्यक्ति से करा दी गई थी. शादी के बाद लड़की खुश नहीं थी इसलिए अपने पति को छोड़कर उसके पास रहने आ गई. दोनों लिव-इन में रहने लगे. दोनों के बीच एग्रीमेंट भी हुआ. लेकिन, इसके कुछ समय बाद ही महिला के परिवार और ससुराल वाले उसे अपने साथ जबरदस्ती ले गए और वापस पति के पास छोड़ दिया.

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि गर्लफ्रेंड को उसकी मर्जी के बिना ससुराल में रखा गया है, जहां उसके पति ने उसे बंदी बनाया हुआ है. ये दावा भी किया कि लिव-इन एग्रीमेंट में महिला के भी साइन हैं. ऐसे में एग्रीमेंट को आधार बनाकर लड़की को उसे सौंप दिया जाए.

क्यों लगा 5000 का जुर्माना?

हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने इस याचिका का विरोध किया. तर्क देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को इस तरह की याचिका दायर करने का कोई अधिकार ही नहीं है. अगर महिला अपने पति के पास है तो ये नहीं कहा जा सकता कि वो अवैध तरीके से पति के पास है.

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस वीएम पंचोली और जस्टिस एचएम पृच्छक की बेंच ने कहा कि महिला की शादी याचिकाकर्ता के साथ नहीं हुई है और न ही उसके पति से अब तक उसका तलाक हुआ है. ऐसे में लिव-इन एग्रीमेंट के आधार पर याचिकाकर्ता के पास इस तरह की अपील करने का कोई अधिकार नहीं है. कोर्ट ने अपील को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 5000 रुपए का जुर्माना लगा दिया.

Updated: March 18, 2023 — 1:29 pm